मंगलवार, 18 मार्च 2025

नवरात्र पूजन मुहर्त व विथि

  


चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक शक्ति आराधना पर्व का मान है। इसे चैत्र नवरात्र या वासंतिक नवरात्र कहा जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4.56 बजे लग रही है जो 30 को दोपहर 2.40 बजे तक रहेगी। उद्द्यातिथि मान अनुसार, नवरात्र का आरंभ 30 मार्च को होगा। इस बार पंचमी तिथि का क्षय होने से शक्ति आसधन पर्व आठ दिन यानी छह अप्रैल तक है। वासंतिक नवरात्र में पंचमी का क्षय, शक्ति आराधना पर्व आठ दिनी रहेगा |

पंचांग के अनुसार, नवरात्र के चौथे दिन दो अप्रैल को चतुथी के साथ ही पंचमी तिथि के भी दर्शन, व्रत, पूजन किए जाएंगे। नवरात्र व्रत, पूजन, पाठ, नैत्यिक दर्शन यात्रा की पूर्णाहुति छह अप्रैल को हवन से होगी। 

उदया तिथि में प्रतिपदा मिलने से 30 मार्च को होगा व्रत का आरंभ | चौथे दिन ही चतुर्थी के साथ पंचमी का  भी व्रत  किया जाएगा |

इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि में वैधृति योग न होने के कारण प्रातः काल से आरंभ कर दोपहर 12:25 तक रहेगी | कलश स्थापना शुभ होगा। किसी कारणवश जो लोग उक्त काल में कलश स्थापन न कर सकें, वे इसके बाद भी रात्रि आठ बजे तक कलश स्थापन कर सकते हैं। महाअष्टमी व्रत व महानिशा पूजन पांच अप्रैल को किया जाएगा। महानवमी व्रत छह अप्रैल को रखा जाएगा। दुर्गा पाठ की पूर्णाहुति व होमादि छह अप्रैल को प्रातः काल से आरंभ कर रात्रिपर्यंत किया जा सकेगा। इसी तिथि में रामनवमी पर्व भी मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश शर्मा  के अनुसार चढ़ती-उत्तरती व्रत रखने वाले अष्टमी तिथि में पांच अप्रैल को उतरती का व्रत करेंगे। पारन नवमी तिथि में छह अप्रैल को करेंगे।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गुरु, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का स्रोत

  गुरु, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का स्रोत सतीश शर्मा  गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, और यह दिन गुरुओं के प्रति सम्मा...