शनिवार, 15 मार्च 2025

चैत्र नवरात्र पर क्या करें


एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है *नवदुर्गा* के नौ स्वरूप-

1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या "शैलपुत्री" स्वरूप है !
2. कौमार्य अवस्था तक "ब्रह्मचारिणी" का रूप है !
3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह "चंद्रघंटा" समान है !
4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह "कूष्मांडा" स्वरूप है !
5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री "स्कन्दमाता" हो जाती है !
6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री "कात्यायनी" रूप है !
7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह "कालरात्रि" जैसी है !
8. संसार ( कुटुंब ही उसके लिए संसार है ) का उपकार करने से "महागौरी" हो जाती है !

9. धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार मे अपनी संतान को सिद्धि ( समस्त सुख-संपदा ) का आशीर्वाद देने वाली "सिद्धिदात्री" हो जाती है !

आप सभी को सपरिवार  चैत्र नवरात्रि की अनंत शुभकामनाएँ.!!
जय माता दी 


मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। 
मां चंद्रघंटा का स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी है नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सफेद रंग

नवरात्र के पहले दिन सफेद रंग का वस्त्र पहनना चाहिए। क्योंकि नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन सफेद कलर के कपड़े पहने से मन शांति रहता है। साथ ही देवी मां की कृपा मिलती है

लाल रंग

नवरात के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा होती है। मां ब्रह्माचारिणी को लाल रंग काफी प्रिय है। कहा जाता है इस दिन लाल रंग का कपड़ा पहनना बहुत ही ज्यादा शुभ होता है। 

नीला रंग

नवरात्र के तीसरे मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। कहा जाता है इस दिन मां चंद्रघंटा को नीला रंग पसंद है। इस दिन नीले रंग के कपड़े पहन काफी शुभ होता है। 

पीला रंग

नवरात्र के चौथे दिन देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती है।  देवी कुष्मांडा को पीला रंग बेहद पसंद है इसीलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से माता काफी प्रसन्न होती है।

 हरे रंग

नवरात्र के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहन कर माता को प्रसन्न किया जा सकता है।

ग्रे कलर

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। इस दिन ग्रे कलर के कपड़े पहनना चाहिए। कहा जाता है इस दिन ग्रे रंग के कपड़े पहनने से मां की कृपा बरसती है। 

 ऑरेंज रंग

नवरात्र के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन ऑरेंज रंग के कपड़े का बहुत महत्व है। 

मोरपंख जैसा हरा रंग

नवरात्र के आठवें दिन देवी महागौरी का आराधना की जाती है। इस दिन मोरपंख जैसे हरे रंग के कपड़े पहनने से माता रंगी की विशेष कृपा मिलती है। 

पिंक कलर

नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन पिंक कलर के कपड़े पहनने से आपको परिवार और दोस्तों से ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद मिलेगा।


चैत्र नवरात्रि मुहर्त,पूजा विधि व आरती

चैत्र नवरात्र के नौ दिन मां आदिशक्ति की उपासना करने के लिए बहुत खास माने जाते हैं। नवरात्रि नौं दिनों तक मां के 9 स्वरूपों शैलपुत्री माता, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। 

प्रतिपदा वाले दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान करें | पूरे घर की साफ सफाई करें लेकिन अच्छा है कि साफ-सफाई 1 दिन पहले कर ले और अगर घर में मंदिर बना रखा है तो मंदिर में नहीं तो पूर्व दिशा में एक लकड़ी की चौकी  पर लाल कपड़ा बिछाकर  कलश की स्थापना करें, कलश  मिट्टी,पीतल या तांबा का ले सकते है | मंदिर में माता की मूर्ति है तो ठीक है अन्यथा चौकी पर माता की मूर्ति या चित्र व  कलश की स्थापना करें, कलश साफ करके उसके ऊपर कलावा लपेटे तथा रोली का टीका लगा दें, जल व गंगा जल भर दे | एक नारियल लेकर उस पर लाल कपड़ा लपेट दे,चौकी के पास पूजा का सारा सामान जैसे रोली कलावा बाती घी दिया,सुपारी,इलायची,लौंग,बताशे,कपूर,धुप,जायफल  इस प्रकार पूरे  8/9 दिन के पूजा का सामान वहां इकट्ठा करके रख लें ताकि बार-बार परेशान ना होना पड़े, अगर हम कोई विशेष मंत्र  जपते हैं तो उस मंत्र का जाप भी इन दिनों करना चाहिए, अगर संभव हो तो  दुर्गा स्त्रोत/स्तुति पढ़े नहीं हो सके तो दुर्गा चालीसा पढ़ना चाहिए, माता के सामने बैठकर ध्यान करें, इन दिनों  सात्विक जीवन जीना  है, जो भी हम मनोकामना लेकर इन नवरात्रों में माता की पूजा करेंगे आप मान कर चलो कि निश्चित तौर पर माता हमारी मनोकामनाएं पूरी करेगी | 

चैत्र नवरात्रि 30-03-2025,से शुरू हो रहे हैं, हम अगर ʼश्री राम जय राम जय जय राम ।।ʼ का जाप करें राम नवमी 06-04-2025, तक। प्रभु के आशीर्वाद से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

यह मंत्र तेरह अछर का है इसलिए हम 13,बार जाप करें ।
बोलो  सांचे दरबार की जय।



माँ दुर्गा की आरती 


जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

मांग सिंदूर विराजत,टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना,चंद्रवदन नीको || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला,कंठन पर साजै || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत,तिनके दुखहारी || ॐ जय अम्बे गौरी….  

कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर,सम राजत ज्योती || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

शुंभ-निशुंभ बिदारे,महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना,निशदिन मदमाती || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

चण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

ब्रह्माणी, रुद्राणी,तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी,तुम शिव पटरानी || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा,अरू बाजत डमरू || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

तुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता ।सुख संपति करता || ॐ जय अम्बे गौरी…. 

भुजा चार अति शोभित,खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत,सेवत नर नारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..

कंचन थाल विराजत,अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योती ॥ॐ जय अम्बे गौरी..

श्री अंबे जी की आरती,जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी,सुख-संपति पावे ॥ॐ जय अम्बे गौरी..

जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी ॥


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शर्मा जी, जन्म कुंडली विशेषज्ञ व सलाहकार,

9312002527, 9560518227

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