मंगलवार, 25 मार्च 2025

श्रवण नक्षत्र का महत्व व उपाय

 श्रवण नक्षत्र, वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से 22वां नक्षत्र है. इसे भगवान विष्णु का नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग रचनात्मक, बुद्धिमान, और परिश्रमी होते हैं।

श्रवण नक्षत्र से जुड़े कुछ अन्य तथ्य व जानकारी -

इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है,इस नक्षत्र का प्रतीक कान और बाण है,इस नक्षत्र के चारों चरण मकर राशि में आते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग दूसरों की परेशानी नहीं देख सकते और उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग स्वच्छता पसंद करते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग यात्राओं के शौकीन होते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग सीखने और पढ़ने की चाहत रखते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग धर्म-कर्म में रुचि रखते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग ज्ञान की गहराई रखते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग उदार और दायलु होते हैं,इस नक्षत्र में जन्मे लोग सरल स्वभाव के कारण मित्रों और सगे-संबंधियों में लोकप्रिय होते हैं।इस नक्षत्र का नाम माता-पिता के भक्त श्रवण कुमार के नाम पर रखा गया है।

श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के लिए कुछ उपाय हैं, जैसे कि कपास की जड़ को भुजा में बांधना, ब्राह्मणों को भोजन कराना, और आक के पौधे को घर में लगाना या उपहार स्वरूप देना,अपामार्ग की जड़ को भुजा में बांधने से रोग का शमन होता है।कपास की जड़ को भुजा में बांधने से लाभ होता है।किसी जरूरतमंद बच्चे को विषय की पुस्तकें दान करें। "ॐ ऋं, ॐ ऌं" मंत्र का जाप करें। आक के पौधे को घर में लगाएं और जल दें।आक के वृक्षों को लोगों को उपहार स्वरूप भी दें।

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