सोमवार, 6 मार्च 2023

फाल्गुन मास

फाल्गुन मास



धार्मिक शास्त्रों में फाल्गुन मास का बहुत महत्व माना गया है। यह माह कई धार्मिक व्रत त्योहार लेकर आ रहा है। चंद्र देव की आराधना के लिए फाल्गुन मास सबसे उपयुक्त समय होता है, क्योंकि यह चंद्रमा का जन्म माह माना जाता है। फाल्गुन मास हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है। इस माह से धीरे-धीरे गर्मी के दिन शुरू होने लगते हैं तथा ठंड कम होने लगती है। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और होली ये 2 सबसे बड़े त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की आराधना का भी विशेष महत्व है, इस माह में विशेषकर भगवान श्री कृष्ण के तीन स्वरूपों की पूजा करना बहुत ही लाभदायी माना जा‍ता है। इसमें बाल कृष्ण के स्वरूप, युवारूप कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जा सकती है। बाल कृष्ण को संतान पाने के लिए, युवा कृष्‍ण को दांपत्य जीवन मधुर बनाने के लिए और गुरु कृष्ण का पूजन मोक्ष और वैराग्य पाने के लिए कृष्ण जी का पूजन करनी चाहिए।हिन्दू धर्म के अनुसार अनेक देवताओं में से एक हैं चंद्र देवता। चंद्र के देवता भगवान शिव है और शिव जी ने चंद्रमा को अपने सिर पर धारण कर रखा है। चंद्रमा का जन्म फाल्गुन में मास में होने के कारण इस महीने चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है। फाल्गुन में पूरे महीने भर में चंद्र देव, भगवान शिव और भगवान श्री कृष्ण की उपासना करना विशेष फलदायी मानी गई है। इस माह की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र में आने के कारण ही इस माह का नाम फाल्गुन पड़ा है। फाल्गुल मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश मंदिर में जाकर श्री गणेश की मूर्ति का विधिवत पूजन कर तिल से बने पदार्थों को भोग लगाने की मान्यता है तथा तिल से हवन करने के बाद व्रत पारण का बहुत महत्व है। फाल्गुल महीने में अपने खान-पान और जीवनचर्या में बदलाव करना बहुत ही खास माना गया हैं, क्योंकि इस माह भोजन में अनाज का प्रयोग कम करके मौसमी फलों का सेवन अधिक करने की मान्यता है।फाल्गुन मास को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है। इस माह में संतान पाने की चाह रखने वालों को बाल कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।

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