दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का मुहूर्त-
12 नवंबर 2023
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त:
शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 07 बजकर 36 मिनट तक।
अवधि: 01 घंटा 54 मिनट
प्रदोष काल- 05-29 से 08-07 तक
वृषभ काल- 05-40 से 07-36 तक
दिवाली महानिशीथ काल पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त- 11-39 से 12-31 तक
अवधि- 52 मिनट
महानिशीथ काल- 11-39 से 12-31 तक
सिंह काल- 12-32 से 02-30 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया पूजा मुहूर्त
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ)- 01-26 से 02-47 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)- 05-29 से 22-26 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)- 01:44 से 03:23 तक
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- 05:02 से 06:41 तक
महापर्व की बेला सतयुग से शुरू हुई दीपावली द्वापर तक आते-आते 5 दिन का पर्व बन गया लक्ष्मी जी भगवान राम और कृष्ण की पूजा का महापर्व है
धनतेरस सबसे पहले सतयुग में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब से धनतेरस पर्व शुरू हुआ।
दुसरा दिन द्वापर युग में इसी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था तब पर्व में शामिल हुआ नरक चतुर्दशी।
दिपावली सतयुग में सबसे पहले कार्तिक माह की अमावस पर लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी इसी दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की शादी हुई तब दीपावली मनाई गई बाद में त्रेता युग में इसी दिन राम वनवास से घर लौटे थे।
गोवर्धन पूजा द्वापर युग में दीपावली के अगले दिन प्रतिपदा पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी तब से यह दिन भी बना 5 दिन के पर्व का हिस्सा।
भाईदुज द्वापर में इसी दिन कृष्ण नरकासुर को हराने की बात अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे जबकि सतयुग में इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर उसकी आमंत्रण पर गए थे और यमुना जी ने उनका तिलक लगाया भाई दुज पुजा। आपको व आपके परिवार को मंगलमय हो व आपका घर खुशियो से भरपूर रहे।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी 9312002527
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