गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022

अगर हम नही देश के काम आए धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा।।

 


अगर हम नही देश के काम आए

धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ॥

चलो श्रम करे आज खुद को सँवारें
युगों से चढी जो खुमारी उतारें
अगर वक्त पर हम नहीं जाग पाएं
सुभा क्या कहेगी पवन क्या कहेगा ॥

अधुर गन्ध का अर्थ है खूब महके
पडे संकटों की भले मार सहके
अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कुराएं
लता क्या कहेगी चमन क्या कहेगा ॥

बहुत हो चुका स्वर्ग भू पर उतारें
करें कुछ नया स्वस्थ सोचें विचारें
अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाएं
निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा ॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गुरु, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का स्रोत

  गुरु, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का स्रोत सतीश शर्मा  गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, और यह दिन गुरुओं के प्रति सम्मा...