नारी के विशाल व्यक्तित्व को किसी एक दिन में बांधना संभव नही, लेकिन सबका ध्यान, उन पर केंद्रित करने के लिए ही इस एक दिन का बड़ा महत्व होता है, वैसे तो नारी के विशाल व्यक्तिव को शब्दों में परिभाषित करना संभव नही, अगर सिर्फ एक लाइन में हम कहें तो धरा पर नारी का रूप ईश्वर की ही छाया है, अर्थात नारी है, तो भावना व ममता जीवित है, भावना व ममता के बगैर जीवन उस बंजर धरती के समान हो जायेगा, जिसमें कोई फसल नही उग सकती।
आपको अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएं
यत्र नारियस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवताः
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