बुधवार, 12 जुलाई 2023

कामिका एकादशी

 

कामिका एकादशी 

कामिका एकादशी श्रावण  मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को बनाई जाती है इसे पवित्रता के नाम से भी जाना जाता है | प्रातः स्नानादि करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर भोग लगाया जाता है | आचमन के पश्चात धूप दीप चंदन आदि सुगंधित पदार्थों से आरती उतारनी चाहिए |
कामिका एकादशी व्रत की कथा - एक समय की बात है कि किसी गांव में एक ठाकुर रहा करते थे | वह बहुत ही क्रोधी स्वभाव के थे क्रोधवश  उनकी एक ब्राह्मण से भिड़ंत हो गई जिसका परिणाम यह हुआ कि वह ब्राह्मण मारा गया | उस ब्राह्मण के मरणोपरांत उन्होंने उसकी तेहरवीं करनी चाही लेकिन सब ब्राह्मणों ने भोजन करने से इंकार कर दिया तब उन्होंने सभी ब्राह्मणों से निवेदन किया कि हे  भगवान मेरा पाप  कैसे दूर हो सकता है कृपया कोई उपाय बताए | भगवान से की इस प्रार्थना पर उन सब ने उसे एकादशी व्रत करने की सलाह दी ठाकुर ने वैसे ही किया | रात में भगवान की मूर्ति के पास जब वह शयन  कर रहा था तभी उसने एक सपना देखा सपने में भगवान ने उसे दर्शन देकर कहा कि ठाकुर तेरा सारा पाप दूर हो गया अब तो तू ब्राह्मण की तेहरवीं भी कर सकता है तेरे घर सूतक नष्ट हो गया है | ठाकुर पूरे विधि विधान से तेहरवीं करके ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हो गया और अंत में कामिका एकादशी व्रत के प्रभाव से  मोक्ष प्राप्त करके विष्णुलोक को चला गया |
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1 टिप्पणी:

  1. बहुत-बहुत सुंदर पसंद उजागर करने के लिए बारंबार धन्यवाद एवं आभार

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