भगवान पर विश्वास
एक व्यक्ति शिव शक्ति का परम भक्त था वह शिव शक्ति को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था. एक दिन मां जगत जननी से कहने लगा –में आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई. मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो. माता रानी ने कहा ठीक है | तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो, जब तुम रेत पर चलोगे तो तुम्हे दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देगे,दो तुम्हारे पैर होगे और दो पैरो के निशान मेरे होगे.इस तरह तुम्हे मेरी अनुभूति होगी | अगले दिन वह सैर पर गया,जब वह रे़त पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये वह बड़ा खुश हुआ,अब रोज ऐसा होने लगा.एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया,वह रोड पर आ गया उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया | देखो यही इस दुनिया की प्रॉब्लम है, मुसीबत मे सब साथ छोड देते है. अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये. उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त मे मेरी मां जगत जननी ने भी साथ छोड दिया. धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा फिर सब लोग उसके पास वापस आने लगे |
एक दिन जब वह सैर पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे. उससे अब रहा नही गया,वह बोला- हे मेरी मां जगत जननी जब मेरा बुरा वक्त था तो सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था पर मुझे इस बात का गम नहीं था क्योकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है,पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था, ऐसा क्यों किया? मां जगदंबा ने कहा –तुमने ये कैसे सोच लिया की में तुम्हारा साथ छोड़ दूंगी, तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे, उस समय मैं तुम्हे अपनी गोद में उठाकर चलती थी, और आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हे नीचे उतार दिया है. इसलिए तुम्हे फिर से चार पैर दिखाई देते रहे।
इसलिए जब सब साथ छोड़ जाएँ तो भि ये विश्वास ढृढ़ रहना चहिये की भगवान मुझे अपनी गोद में उठा कर चल रहा हैं, उनको मेरी फ़िक्र है मैं हरदम उनकी गोद में हूँ , वो मुझे गिरने नहीं देगा। जय शिव भगवान की
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शर्मा जी 9312002527
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