सोमवार, 19 दिसंबर 2022

मासिक पंचांग - दिसम्बर - 2022


मासिक पंचांग- दिसम्बर -2022


दिनांक 

भारतीय व्रत उत्सव दिसम्बर - 2022

दुर्गा अष्टमी

3  

मोक्षदा एकादशी,श्री गीता जयंती 

सोम प्रदोष व्रत  

पिशाच मोचन श्राद्ध 

श्री दतात्रये जयंती,सत्य व्रत ,

श्री त्रिपुर भैरव जयंती ,अन्नपूर्णा जयंती  

11 

श्री गणेश चतुर्थी व्रत 

16  

काल भैरव अष्टमी ,संक्रांति पुन्य  

19   

सफला एकादशी व्रत    

21 

सोम  प्रदोष व्रत,मास शिवरात्रि 

23 

अमावस्या पुण्य    

26 

विनायक चतुर्थी  व्रत  

29 

गुरु गोविन्द सिंह जयंती 

30  

श्री दुर्गाष्टमी, शाकम्भरी पूजन प्रारम्भ  


पंचक विचार दिसम्बर - 2022  

पंचक विचार -(धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से रेवती नक्षत्र तक) पंचको में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना मकान दुकान आदि की छत डालना चारपाई पलंग आदि बुनना,दाह संस्कार,बांस की चटाई दीवार प्रारंभ करना आदि स्तंभ रोपण तांबा पीतल तृण काष्ट आदि का संचय करना आदि कार्यों का निषेध माना जाता है समुचित उपाय एवं पंचक शांति करवा कर ही उक्त कार्यों का संपादन करना कल्याणकारी होगा ध्यान रहेगा  पंचर नक्षत्रों का विचार मात्र उपरोक्त विशेष कृतियों के लिए ही किया जाता है विवाह मंडल आरंभ गृह प्रवेश प्रवेश उपनयन आदि मुद्दों से तो पंचक नक्षत्रका प्रयोग शुभ माना जाता है पंचक विचार- दिनांक  04 को 06 - 16 बजे तक पंचक हैं,दिनांक 27 को 03-30 से 31 को 11-46 बजे तक पंचक है | 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227

भद्रा विचार दिसम्बर - 2022 

भद्रा काल का शुभ अशुभ विचार - भद्रा काल में विवाह मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन आदि मांगलिक कृत्य का निषेध माना जाता है परंतु भद्रा काल में शत्रु का उच्चाटन करना,स्त्री प्रसंग में,यज्ञ करना,स्नान करना,अस्त्र शस्त्र का प्रयोग,ऑपरेशन कराना, मुकदमा करना,अग्नि लगाना,किसी वस्तु को काटना,भैस,घोड़ा व ऊंट संबंधी कार्य प्रशस्त माने जाते हैं सामान्य परिस्थिति में विवाह आदि शुभ मुहूर्त में भद्रा का त्याग करना चाहिए परंतु आवश्यक परिस्थितिवश अति आवश्यक कार्य भूलोक की भद्रा,भद्रा मुख छोड़कर कर भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य करसकते है |

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227

दिनांक 

शुरू 

दिनांक 

समाप्त 

03

17-33

04

05-34

07

08-01

07

20-49

11

03-01

11

16-15

14

23-42

15

12-44

18

15-43

19

03-32

21

22-16

22

08-48

26

15-11

27

01-37

29

19-17

30

06-55


मूल नक्षत्र विचार दिसम्बर-2022 



दिनांक

शुरू 

दिनांक

समाप्त 

03

05-45

05

07-14

12

23-35

15

05-15

22

06-32

24

01-12

30

11-24

मासांत तक 



अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227

सर्वार्थ सिद्धि योग दिसम्बर-2022

दैनिक जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शीघ्र ही किसी  शुभ मुहूर्त का अभाव हो,किंतु शुभ मुहर्त के लिए अधिक दिनों तक रुका ना जा सकता हो तो इन सुयोग्य वाले मुहर्तु  को सफलता से ग्रहण किया जा सकता है | इन से प्राप्त होने वाले अभीष्ट फल के विषय में संशय नहीं करना चाहिए यह योग हैं सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि योग एवं रवियोग | योग्यता नाम तथा गुण अनुसार सर्वांगीण सिद्ध कारक  है| 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227

दिनांक

प्रारंभ

दिनांक

समाप्त

03

05-45

03

07-02

04

07-02

05

07-03

06

08-38

08

07-05

11

20-35

12

23-35

13

07-08

14

02-32

16

07-10

16

07-34

18

07-12

18

10-18

21

08-33

22

06-32

25

07-16

25

19-20

26

07-16

26

16-41

30

11-24

31

07-18

सुर्य उदय- सुर्य अस्त दिसम्बर-2022 


दिनांक

उदय 

दिनांक

अस्त 

06-58

1

17-22

5

07-01

5

17-22

10

07-04

10

17-23

15

07-08

15

17-25

20

07-14

20

17-27

25

07-16

25

17-30

30

07-15

30

17-33

 

 अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें - शर्मा जी - 9560518227

ग्रह स्थिति दिसम्बर-2022


ग्रह स्थिति -  दिनांक 03 को बुध धनु में , दिनाक 05 को शुक्र धनु में , दिनांक 05 बुध उदय ,दिनांक 16 सूर्य धनु में ,दिनांक 28 को बुध मकर में , दिनांक 29  बुध वक्री ,दिनांक 29 शुक्र मकर में दिनांक 30 बुध धनु में | 

चौघड़िया मुहूर्त 

चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य या यात्रा करना उत्तम होता है। एक तिथि के लिये दिवस और रात्रि के आठ-आठ भाग का एक चौघड़िया निश्चित है। इस प्रकार से 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात मानें तो प्रत्येक में 90 मिनट यानि 1.30 घण्टे का एक चौघड़िया होता है जो सूर्योदय से प्रारंभ होता है|

राहू काल 

 

 राहुकाल -राहुकाल दक्षिण भारत की देन है,दक्षिण भारत में राहु काल में कृत्य करना अच्छा नहीं माना जाता, राहु काल में शुभ कृतियों में वर्जित करने की परंपरा अब हमारे उत्तरी भारत में भी अपनाने लगे हैं राहुकाल प्रतिदिन सूर्यादि वारों में भिन्न-भिन्न समय पर केवल डेढ़ डेढ़ घंटे के लिए घटित होता है |

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227,

jankarikal@gmail.com

sumansamgam.com





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