मासिक पंचांग-जनवरी-2023
पंचक विचार जनवरी - 2023
पंचक विचार -(धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से रेवती नक्षत्र तक) पंचको में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना मकान दुकान आदि की छत डालना चारपाई पलंग आदि बुनना,दाह संस्कार,बांस की चटाई दीवार प्रारंभ करना आदि स्तंभ रोपण तांबा पीतल तृण काष्ट आदि का संचय करना आदि कार्यों का निषेध माना जाता है समुचित उपाय एवं पंचक शांति करवा कर ही उक्त कार्यों का संपादन करना कल्याणकारी होगा ध्यान रहेगा पंचर नक्षत्रों का विचार मात्र उपरोक्त विशेष कृतियों के लिए ही किया जाता है विवाह मंडल आरंभ गृह प्रवेश प्रवेश उपनयन आदि मुद्दों से तो पंचक नक्षत्रका प्रयोग शुभ माना जाता है पंचक विचार- दिनांक 23 को 13 - 50 से 27 को 11-46 बजे तक पंचक है |
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे शर्मा जी - 9312002527,9560518227
भद्रा विचार जनवरी- 2023
भद्रा काल का शुभ अशुभ विचार - भद्रा काल में विवाह मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन आदि मांगलिक कृत्य का निषेध माना जाता है परंतु भद्रा काल में शत्रु का उच्चाटन करना,स्त्री प्रसंग में,यज्ञ करना,स्नान करना,अस्त्र शस्त्र का प्रयोग,ऑपरेशन कराना, मुकदमा करना,अग्नि लगाना,किसी वस्तु को काटना,भैस,घोड़ा व ऊंट संबंधी कार्य प्रशस्त माने जाते हैं सामान्य परिस्थिति में विवाह आदि शुभ मुहूर्त में भद्रा का त्याग करना चाहिए परंतु आवश्यक परिस्थितिवश अति आवश्यक कार्य भूलोक की भद्रा ,भद्रा मुख छोड़कर कर भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य कर सकते है |
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मूल नक्षत्र विचार जनवरी-2023
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सर्वार्थ सिद्धि योग जनवरी-2023
दैनिक जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शीघ्र ही किसी शुभ मुहूर्त का अभाव हो,किंतु शुभ मुहर्त के लिए अधिक दिनों तक रुका ना जा सकता हो तो इन सुयोग्य वाले मुहर्तु को सफलता से ग्रहण किया जा सकता है | इन से प्राप्त होने वाले अभीष्ट फल के विषय में संशय नहीं करना चाहिए यह योग हैं सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि योग एवं रवियोग | योग्यता नाम तथा गुण अनुसार सर्वांगीण सिद्ध कारक है|
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सुर्य उदय- सुर्य अस्त जनवरी -2023
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ग्रह स्थिति जनवरी-2023
ग्रह स्थिति - दिनांक 02 बुध अस्त पश्चिम में , दिनाक 13 मंगल मार्गी , दिनांक 13 बुध उदय पूर्व ,दिनांक 14 सूर्य मकर में ,दिनांक 17 को कुम्भ मीन में , दिनांक 18 बुध मार्गी ,दिनांक 22 शुक्र कुम्भ में दिनांक 31 शनि अस्त |
चौघड़िया मुहूर्त
चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य या यात्रा करना उत्तम होता है। एक तिथि के लिये दिवस और रात्रि के आठ-आठ भाग का एक चौघड़िया निश्चित है। इस प्रकार से 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात मानें तो प्रत्येक में 90 मिनट यानि 1.30 घण्टे का एक चौघड़िया होता है जो सूर्योदय से प्रारंभ होता है|
राहू काल
राहुकाल -राहुकाल दक्षिण भारत की देन है,दक्षिण भारत में राहु काल में कृत्य करना अच्छा नहीं माना जाता, राहु काल में शुभ कृतियों में वर्जित करने की परंपरा अब हमारे उत्तरी भारत में भी अपनाने लगे हैं राहुकाल प्रतिदिन सूर्यादि वारों में भिन्न-भिन्न समय पर केवल डेढ़ डेढ़ घंटे के लिए घटित होता है |
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जन्म कुंडली व हस्त रेखा विशेषज्ञ
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जन्म कुंडली के विषय में जानना चाहते हैं तो कृपया जन्म तिथि,
जन्म समय व जनम स्थान अवश्य लिखें।
शर्मा जी - 9560518227,9312002527
अति सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई एवं हार्दिक सुप्रभात 🙏🙏
जवाब देंहटाएंधन्यबाद जी
हटाएंसमाज की जानकारी के लिए एक नेक व सराहनीय कार्य
जवाब देंहटाएं🙏🙏 आपको दिल से धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआपके पोस्ट का इंतजार रहता है। 🙏🙏🙏
जय श्री श्याम जी।
जवाब देंहटाएंजय श्री राम
जवाब देंहटाएंमहोदय मैं विनोद पण्डित छोटा मोटा पूजा पाठ, हवन यज्ञ, विवाह आदि कार्य करके अपना अपने परिवार का भरणपोषण कर रहा हूँ, मैं ज्यौतिष ज्ञान अर्जित करना चाहता हूँ, क्या आप मुझे ये विद्या दे सकते हैं और कैसे मैं इस ज्ञान को अर्जित कर पाऊंगा कृपया मेरे नम्बर 9992768245पर देनें का कष्ट करेंगे