रविवार, 23 फ़रवरी 2025

सूर्य ग्रह का हमारे जीवन पर प्रभाव

 

https://youtu.be/q2Q4DBAJfL4?si=BajAnhxFBS0jw2dc

सूर्य ग्रह 

सूर्य के गोचर का फल

सूर्य के गोचर के दौरान कैसा फल प्राप्त होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि सूर्य आपकी कुंडली या राशि से किस भाव में संचरण कर रहा है। क्योंकि सभी 12 भावों में सूर्य के गोचर का फल भिन्न-भिन्न होता है। जन्मकुंडली में चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता है उसे लग्न भाव मानकर गोचर के ग्रहों का फलकथन कहा जाता है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे 

शर्मा जी-931202527

  रविवार को दीपदान करने से यश ,मान-सम्मान और वैभव मिलता है। कुंडली में सूर्य बलवान होता है तो उसे यश और शोहरत की कोई कमी नहीं होती,वह अपने पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों से लाभ प्राप्त प्राप्त करता है,साथ ही साथ वह सामाजिक मान-सम्मान का भी हकदार बनता है।रविवार का दिन सूर्य भगवान को समर्पित होता है | रविवार का  उपवास रखने से घर में शांति और सुख- समृद्धि आती हैं| सूर्य का रत्न माणिक्य,सूर्य सिंह राशी के स्वामी है |

सूर्य के खराब होने के लक्षण - बार बार बिना गलती के भी अपमान होना।गुरु, देवता और पिता का साथ छोड़ देना।राज्य की ओर से दंड मिलना।नौकरी चली जाना।सोना खो जाना या चोरी हो जाना। सूर्य के कमजोर होने से व्यक्ति का मनोबल या आत्मबल कमजोर होता है,पिता व कार्यक्षेत्र में अधिकारियों के साथ परेशानी रहती है। सरकारी कार्य में भी परेशानी होती है। कुंडली में यदि सूर्य कमजोर हों तो इसका व्यक्ति की सेहत पर भी असर होता है। ऐसे लोगों को आंख या अस्थियों संबंधी समस्या हो सकती है।

सूर्य का बीज मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार या सूर्य अभिवादन 12 शक्तिशाली योग आसन का एक अनुक्रम है।

एक कसरत होने के अलावा, सूर्य नमस्कार को शरीर और दिमाग परसकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी जाना जाता है।सूर्य नमस्कार खाली पेट सुबह किया जाता है। सूर्य नमस्कार करते समय आप सूर्य मंत्र का उच्चारण भी कर सकते है ।

ॐ ध्येय सदा सवित्र मण्डल मध्यवर्ति।नारायण सरसिजसनसन्निविष्टः।

केयुरवन मकरकुंडलवान किरीटी।हारी हिरण्मय वपु: धृतशंखचक्रः।।

अर्थात:

सूर्य मंडल मे स्थित, कमल पर विराजित, सुवर्णाभूषणो से सुशोभित

तथा सुवर्ण कांती के शंख चक्रधारी भगवान नारायण का ध्यान करे।

सूर्य नमस्कार मंत्र 

ॐ मित्राय नम :,ॐ रवये नम :,ॐ सूर्याय नमः,ॐ भानवे नमः,

ॐ खगाय नम :,ॐ पूष्णे नमः,ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

ॐ मरीचये नमः,ॐ अदित्याय नमः,ॐ सवित्रे नमः,ॐअर्काय नम :

ॐ भास्कराय नम:,ॐ श्री सवित्र सूर्य नारायणय नम : 

*श्राद्ध कर्म कब करे,कैसे करे व क्यो करे,,,सुनने के लिए क्लिक करे*

https://youtu.be/q9n9QdmWv5A

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सुमनस॔गम 
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